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इस फसल के सामने लाखों की नौकरी भी फेल! महज 90 दिन में बना देगी लखपति, चमक जाएगी किस्मत

आज के समय में जब किसान फसल चयन को लेकर असमंजस में रहते हैं, ऐसे में शकरकंद की खेती (Sweet Potato Farming) एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। खासकर सितंबर महीने में मक्के की कटाई के बाद किसान अगली फसल के लिए उलझन में रहते हैं। ऐसे समय में शकरकंद की खेती न सिर्फ कम लागत वाली है, बल्कि यह 90 से 110 दिनों में तैयार होकर किसानों को लाखों का मुनाफा भी दिलाती है।
शकरकंद की खेती क्यों है फायदेमंद?
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कम समय: केवल 90–110 दिन में फसल तैयार।
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कम लागत: एक एकड़ खेत में केवल 10–12 हजार रुपये का खर्च।
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ज्यादा उत्पादन: प्रति एकड़ 100 क्विंटल (10 टन तक) उपज।
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जबरदस्त मुनाफा: औसत बाजार भाव 20–25 रुपये प्रति किलो, यानी एक एकड़ से ₹1.5 से ₹2 लाख तक शुद्ध लाभ।
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शकरकंद के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
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मिट्टी: बलुई दोमट मिट्टी (Sandy Loam Soil) सबसे अच्छी मानी जाती है।
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तापमान: 20–21 डिग्री सेल्सियस इसके लिए उपयुक्त।
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रोपाई का समय: अगस्त से सितंबर रोपाई के लिए उत्तम समय है और दिसंबर तक फसल तैयार हो जाती है।
शकरकंद की प्रमुख किस्में
भारत में शकरकंद की लगभग 400 से अधिक किस्में उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ लोकप्रिय और उच्च उत्पादक किस्में हैं:
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एस-10
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श्रीभद्रा (35% सब्सिडी पर राष्ट्रीय बीज निगम से उपलब्ध)
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पूसा सफेद
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कोंकण अश्विनी
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पूसा सुनहरी
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श्री अरुण
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राजेंद्र शकरकंद-5
रोपाई की विधि
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एक एकड़ खेत में लगभग 33,000–34,000 पौधे लगाए जाते हैं।
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पौधारोपण के लिए शकरकंद की बेलों के शीर्ष को 20 सेंटीमीटर काटकर लगाया जाता है।
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पौधों की दूरी 20 सेमी × 60 सेमी रखनी चाहिए।
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रोपाई करते समय प्रत्येक पौधे की दो गांठें मिट्टी के अंदर दबाना जरूरी है।
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खाद एवं उर्वरक प्रबंधन
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प्रति एकड़ 15–20 क्विंटल गोबर की खाद डालना आवश्यक है।
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इसके अलावा 60:60:60 NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश) का प्रयोग करें।
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खरपतवार से बनी जैविक खाद का उपयोग भी उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
बीज उपचार और रोग प्रबंधन
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रोपाई से पहले बीज का उपचार करना बहुत जरूरी है।
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इसके लिए इमिडाक्लोरोपिड दवा (1 मिली/लीटर पानी) में कटे हुए शीर्ष को 15–20 मिनट तक डुबोकर रखें।
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इससे पौधे रोगमुक्त रहते हैं और पैदावार भी ज्यादा मिलती है।
निष्कर्ष
शकरकंद की खेती किसानों के लिए कम लागत और अधिक लाभ वाली फसल है। सही किस्म, उचित खाद प्रबंधन और समय पर रोपाई करने से किसान सिर्फ 90 दिनों में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। इसलिए सितंबर महीने में अगर आप अगली फसल को लेकर असमंजस में हैं, तो शकरकंद की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित होगी।
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