PM Kisan Yojana: 21वीं किस्त के बीच किसानों के लिए बड़ी खबर, जंगली जानवरों से हुए फसल नुकसान की होगी भरपाई; जानें कैसे मिलेगा फायदा

  • On: November 19, 2025
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PM Kisan Yojana अपडेट: जंगली जानवरों और बाढ़ से फसल नुकसान अब फसल बीमा योजना में शामिल

PM Kisan Yojana: किसानों के लिए बेहद राहतभरी खबर सामने आई है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana–PMFBY) में बड़ा बदलाव करते हुए जंगली जानवरों से होने वाले फसल नुकसान को भी बीमा दायरे में शामिल करने का फैसला किया है। यह नया प्रावधान खरीफ 2026 से लागू होगा।

इसके साथ ही, भारी बारिश और बाढ़ के कारण धान की फसल के जलमग्न होने से होने वाले नुकसान को भी अब PMFBY में कवर किया जाएगा। यानी अब किसानों को पहले से ज्यादा सुरक्षा मिलेगी।

PM Kisan Yojana: क्यों लिया गया यह फैसला?

देशभर में किसान हाथियों, जंगली सूअरों, नीलगाय, हिरणों और बंदरों जैसे जंगली जानवरों के कारण फसलों को बड़े पैमाने पर क्षति झेलते हैं।
हालांकि, यह नुकसान अब तक फसल बीमा के दायरे में शामिल नहीं था, जिसके चलते किसानों को भरपाई नहीं मिल पाती थी।

इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब इसे एक अतिरिक्त स्थानीयकृत जोखिम (Localized Risk) मानकर बीमा में शामिल कर दिया है।

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किसानों को क्यों मिला यह बड़ा लाभ?

कृषि मंत्रालय ने बताया कि देशभर में किसान हाथियों, जंगली सूअरों, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जंगली जानवरों के हमलों से फसल नुकसान का सामना करते हैं। विशेष रूप से जंगलों, वन्यजीव गलियारों और पहाड़ी क्षेत्रों में यह समस्या आम है।

इसी को ध्यान में रखते हुए, संशोधित ढांचे के तहत ‘जंगली जानवरों का हमला’ अब स्थानीयकृत जोखिम (Localized Calamity) की श्रेणी में एक अतिरिक्त पाँचवें कवर के रूप में शामिल किया जाएगा।

किसानों को कैसे मिलेगा योजना का लाभ?

राज्य सरकारें

  • फसल नुकसान के लिए ज़िम्मेदार जंगली जानवरों की सूची जारी करेंगी।

  • पुराने आँकड़ों के आधार पर संवेदनशील जिलों या बीमा इकाइयों की पहचान की जाएगी।

किसान

  • नुकसान होने पर फसल बीमा ऐप पर 72 घंटों के भीतर जियोटैग्ड फोटो अपलोड करके रिपोर्ट कर सकेंगे

  • दावा निपटान तकनीक आधारित, तेज़ और पारदर्शी तरीके से होगा।

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कई राज्यों की लंबे समय से थी मांग

कृषि मंत्रालय ने कहा कि PMFBY दिशानिर्देशों के अनुरूप वैज्ञानिक और लागू करने योग्य संरचना तैयार कर ली गई है और इसे खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू किया जाएगा।

पहले जंगली जानवरों से हुए नुकसान को बीमा में कवर नहीं किया जाता था, जिसके कारण किसानों की भरपाई नहीं हो पाती थी।
इसी तरह, 2018 में ‘धान की बाढ़’ को स्थानीय आपदा श्रेणी से हटा दिया गया था, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के लिए सुरक्षा में कमी आ गई थी।

अब इसे फिर से शामिल किया जा रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर किसानों को लाभ मिलेगा।

विशेष समिति ने दी थी सिफारिशें

उभरते जोखिमों और फसल नुकसान की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए कृषि विभाग ने एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी।
इस समिति की सिफारिशों को अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी है।

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धान की बाढ़ भी होगी बीमा के दायरे में

अब PMFBY के तहत जंगली जानवरों के हमले और धान की बाढ़ से होने वाले फसल नुकसान दोनों को आधिकारिक रूप से बीमा कवरेज में मान्यता दे दी गई है।

इससे किसानों को

  • स्थानीय स्तर पर हुए नुकसान की

  • समय पर

  • तकनीक आधारित
    दावा निपटान सुविधा मिलेगी।

किन राज्यों के किसानों को होगा बड़ा फायदा?

इस नई कवरेज से निम्न राज्यों के किसानों को सबसे ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है:

उच्च मानव–वन्यजीव संघर्ष वाले राज्य

  • ओडिशा

  • छत्तीसगढ़

  • झारखंड

  • मध्य प्रदेश

  • महाराष्ट्र

  • कर्नाटक

  • केरल

  • तमिलनाडु

  • उत्तराखंड

हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्य

  • असम

  • मेघालय

  • मणिपुर

  • मिजोरम

  • त्रिपुरा

  • सिक्किम

  • हिमाचल प्रदेश

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