पितरों के कष्टों से मुक्ति के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये 5 खास उपाय

  • On: November 21, 2025
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मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों के कष्टों से मुक्ति के उपाय

मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर 2025 को है, और यह दिन विशेष रूप से पितरों को प्रसन्न करने और उनके कष्टों से मुक्ति पाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन दो विशेष शुभ योग—सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग—बन रहे हैं, जो इस अवसर को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देते हैं। अगर आपके पितर नाराज हैं और वे आपके परिवार को कष्ट दे रहे हैं, तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर इन 5 उपायों को अपनाकर आप उन्हें शांत कर सकते हैं और परिवार में सुख-शांति ला सकते हैं।

1. दान करें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों की नाराजगी को शांत करने के लिए दान करना एक प्रभावी उपाय है। खासकर पितरों के नाम का स्मरण करते हुए अन्न और सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए। सफेद वस्त्र बिना सिले हुए होने चाहिए, जैसे धोती और गमछा। यह दान पितरों को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुंदर तरीका है।

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2. ब्राह्मण भोज कराएं या कन्याओं को भोजन कराएं

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन अपने पितरों को खुश करने के लिए आप ब्राह्मण भोज करा सकते हैं, या फिर 1 या 7 कन्याओं को भोजन करा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार के भोज से पितरों को आहार मिलता है और वे तृप्त होते हैं। इस भोज के माध्यम से वे आशीर्वाद देते हैं, जिससे परिवार में समृद्धि और सुख-शांति आती है।

3. तर्पण करें

यदि आपके पास दान करने के लिए बहुत कुछ नहीं है, तो भी आप मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन तर्पण करके पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। इसके लिए सुबह स्नान करने के बाद पितरों को याद करके जल से तर्पण करें। तर्पण के जल में सफेद फूल, कुश और काले तिल डालने से पितरों को विशेष लाभ मिलता है। इस उपाय से पितरों के कष्ट समाप्त होते हैं और परिवार में शांति आती है।

4. दीपदान करें

अमावस्या की रात को पितर अपने घरों से पितृ लोक की ओर लौटते हैं। इस समय पितरों के मार्ग में प्रकाश देने के लिए दीपदान करना विशेष शुभ माना जाता है। इस दिन आप अपने पितरों को याद करके घर के बाहर चौमुखा दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं। इससे पितरों के मार्ग में अंधेरा नहीं होगा और वे प्रसन्न होकर आपके परिवार पर आशीर्वाद देंगे।

5. गरुड़ पुराण का पाठ कराएं

यदि आपके पितर नाराज हैं और आपको परेशान कर रहे हैं, तो उनके शांति के लिए घर पर गरुड़ पुराण का पाठ कराना चाहिए। गरुड़ पुराण सुनने से पितरों से संबंधित दोष मिट जाते हैं और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह उपाय विशेष रूप से उन परिवारों के लिए उपयुक्त है, जिनके पितर किसी कारणवश नाराज हैं।

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निष्कर्ष

मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने और उनके कष्टों से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर आप ऊपर बताए गए उपायों को सही तरीके से करते हैं, तो यह न केवल आपके पितरों को तृप्त करेगा बल्कि आपके परिवार में भी सुख-शांति और समृद्धि लाएगा। इस दिन किए गए उपायों का असर लंबे समय तक रहता है और यह परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

शुभ मार्गशीर्ष अमावस्या!

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