म्युचुअल फंड में महिलाओं और छोटे शहरों से निवेश पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिलेगा बोनस

  • On: September 13, 2025
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SEBI Mutual Fund Incentive for Women and small city investors 2025 benefits and scheme details

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्युचुअल फंड (Mutual Fund) उद्योग में निवेश बढ़ाने और वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सेबी ने वितरकों (Distributors) के लिए फिर से प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिसके तहत छोटे शहरों और गांवों (B-30 Cities) से नए निवेशक जोड़ने और पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं को म्युचुअल फंड्स से जोड़ने पर उन्हें अतिरिक्त बोनस मिलेगा।

नया प्रोत्साहन ढांचा क्या है?

SEBI ने स्पष्ट किया है कि फंड हाउस अब अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर प्रोत्साहन दे सकेंगे। यह प्रोत्साहन निवेश की प्रकृति पर आधारित होगा।

  1. लंपसम निवेश (Lump Sum Investment):

    • वितरकों को नए निवेशक के पहले निवेश का 1% प्रोत्साहन मिलेगा।

    • उदाहरण के लिए यदि कोई निवेशक पहली बार Rs.50,000 का निवेश करता है, तो वितरक को Rs.500 प्रोत्साहन मिलेगा।

  2. सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP):

    • यदि निवेशक SIP से शुरुआत करते हैं, तो वितरक को पहले वर्ष में कुल निवेश का 1% बोनस मिलेगा।

    • मान लीजिए निवेशक हर महीने Rs.5,000 का SIP शुरू करता है, तो पहले वर्ष में कुल निवेश Rs.60,000 होगा और वितरक को Rs.600 का बोनस मिलेगा।

  3. अधिकतम सीमा:

    • किसी भी निवेश पर अधिकतम प्रोत्साहन राशि Rs.2,000 तय की गई है।

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महिला निवेशकों को जोड़ने पर मिलेगा अतिरिक्त बोनस

SEBI ने वितरकों को पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं को म्युचुअल फंड में जोड़ने पर भी प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।

  • यह कदम महिलाओं की वित्तीय भागीदारी (Women’s Financial Participation) को बढ़ावा देने और उन्हें निवेश की दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

  • नए पैन (New PAN) पर महिला निवेशकों के लिए वितरकों को अतिरिक्त कमीशन दिया जाएगा।

  • इस कमीशन की गणना और भुगतान बी-30 क्षेत्रों के प्रोत्साहन की तरह ही होगा।

पहले की व्यवस्था और नया बदलाव

मार्च 2023 तक म्युचुअल फंड उद्योग में एक प्रोत्साहन ढांचा लागू था, जिसके तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को बी-30 क्षेत्रों से आने वाली परिसंपत्तियों पर खर्च अनुपात (Expense Ratio) से 30 आधार अंक अधिक वसूलने की अनुमति थी। इस अतिरिक्त राशि का उपयोग छोटे शहरों और गांवों से निवेश लाने वाले वितरकों को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता था।

लेकिन मार्च 2023 के बाद यह ढांचा खत्म कर दिया गया था। अब SEBI ने निवेश बढ़ाने और वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए इसे नए रूप में वापस लागू किया है।

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क्यों ज़रूरी है यह कदम?

भारत में अब भी अधिकतर निवेशक मेट्रो शहरों और बड़े शहरी क्षेत्रों से आते हैं। छोटे शहरों और गांवों में निवेश की जागरूकता और म्युचुअल फंड तक पहुंच सीमित है। साथ ही, महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में काफी कम है।

  • छोटे शहरों तक पहुंच: यह ढांचा वितरकों को प्रेरित करेगा कि वे टियर-2 और टियर-3 शहरों में जाकर नए निवेशकों को जोड़ें।

  • महिलाओं की भागीदारी: महिला निवेशकों के लिए अतिरिक्त बोनस मिलने से वितरक उन्हें निवेश के महत्व के बारे में समझाने पर और जोर देंगे।

  • वित्तीय समावेशन: यह योजना समाज के अधिक हिस्से को वित्तीय प्रणाली से जोड़ने का काम करेगी।

इसका असर क्या होगा?

  1. म्युचुअल फंड उद्योग में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।

  2. महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ेगी, जिससे वे वित्तीय रूप से और अधिक सशक्त होंगी।

  3. वितरकों को नए निवेशकों को जोड़ने के लिए आर्थिक लाभ मिलेगा।

  4. छोटे शहरों और गांवों में वित्तीय जागरूकता (Financial Awareness) को मजबूती मिलेगी।

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निष्कर्ष

SEBI का यह नया कदम म्युचुअल फंड उद्योग के लिए बेहद अहम है। यह न केवल छोटे शहरों और गांवों के लोगों को निवेश की ओर आकर्षित करेगा बल्कि महिलाओं की वित्तीय भागीदारी को भी बढ़ावा देगा। वितरकों को मिलने वाला बोनस और कमीशन उन्हें नए निवेशकों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। आने वाले समय में यह बदलाव म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के विस्तार और भारत में वित्तीय समावेशन को नई दिशा देगा।

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