Banks Merger: अप्रैल के बाद ये 6 प्रमुख बैंक नहीं आएंगे नजर? सरकार की बड़ी तैयारी

  • On: November 28, 2025
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केंद्र सरकार एक बार फिर बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार छह प्रमुख सरकारी बैंकों के मर्जर (Bank Merger) पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगर यह योजना लागू होती है तो अप्रैल 2026 के बाद देश के बैंकिंग नक्शे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सरकार का मकसद साफ है – कम लेकिन मजबूत बैंक बनाना, जो न सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टॉप 100 बैंकों में अपनी जगह बना सकें।

किन 6 बैंकों के मर्जर पर चर्चा?

सर्कुलेट हो रही जानकारी के अनुसार जिन छह PSU बैंकों के विलय पर विचार किया जा रहा है, वे हैं:

  • बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India)

  • इंडियन ओवरसीज़ बैंक (Indian Overseas Bank)

  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India)

  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra)

  • यूको बैंक (UCO Bank)

  • पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank)

इनमें से कुछ बैंकों का आपस में विलय हो सकता है या फिर इन्हें किसी बड़े बैंक में शामिल किया जा सकता है।

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बैंक मर्जर का उद्देश्य क्या है?

सरकार बैंक मर्जर के जरिए कई रणनीतिक लक्ष्य हासिल करना चाहती है:

  • बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत करना

  • NPA (गैर-निष्पादित ऋण) में कमी लाना

  • पूंजी क्षमता बढ़ाना

  • डिजिटल बैंकिंग को और मजबूत बनाना

  • शाखाओं के ओवरलैप से होने वाले खर्च को कम करना

  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारतीय बैंकों को मजबूती देना

पहले हुए बड़े बैंक मर्जर

भारत में बैंकिंग सिस्टम में पिछले तीन दशकों में कई बड़े बदलाव हुए हैं। खासतौर पर 2017 से 2020 के बीच कई ऐतिहासिक विलय हुए:

2017 में SBI मर्जर

SBI ने अपने 6 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया:

  • SB Bikaner & Jaipur

  • SB Hyderabad

  • SB Patiala

  • SB Mysore

  • SB Travancore

  • Bharatiya Mahila Bank

इस मर्जर के बाद SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक बना।

2019 में बैंक ऑफ बड़ौदा

  • विजया बैंक + देना बैंक = बैंक ऑफ बड़ौदा जिससे वह तीसरा सबसे बड़ा PSU बैंक बना।

2020 के बड़े विलय

  • PNB + OBC + United Bank

  • Canara Bank + Syndicate Bank

  • Union Bank + Andhra Bank + Corporation Bank

  • Indian Bank + Allahabad Bank

इन मर्जरों से बैंकों की कार्यक्षमता और पूंजी क्षमता में भारी सुधार हुआ।

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अगला बैंक मर्जर कब होगा?

दिलचस्प बात यह है कि अब तक जितने भी बड़े मर्जर हुए हैं, वे सभी अप्रैल महीने में हुए हैं, यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत में।

रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • अप्रैल 2026 तक नई घोषणा संभव

  • अप्रैल–मई के बीच आधिकारिक सूचना आ सकती है

  • इस बार मर्जर एक साथ नहीं बल्कि 2-3 चरणों में लागू किए जा सकते हैं

इस रणनीति से प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और पूंजी प्रबंधन बेहतर होगा।

सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य क्या है?

सरकार चाहती है कि:

  • PSU बैंकों की संख्या 12 से घटाकर 6-7 की जाए

  • मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक तैयार किए जाएं

  • इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बड़े पैमाने पर फंडिंग दी जा सके

  • आर्थिक विकास को और गति मिले

इससे लोन देने की क्षमता बढ़ेगी और बैंकिंग सिस्टम ज्यादा स्थिर और पारदर्शी बनेगा।

ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?

बैंक मर्जर का असर आम ग्राहकों पर भी पड़ सकता है:

  • IFSC कोड में बदलाव संभव

  • चेकबुक और पासबुक अपडेट कराने की जरूरत

  • डिजिटल बैंकिंग सेवाओं में सुधार

  • ज्यादा एटीएम और शाखा नेटवर्क

हालांकि खाताधारकों की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित रहेगी, क्योंकि यह RBI और सरकार द्वारा संरक्षित होती है।

निष्कर्ष

Banks Merger की यह नई रणनीति भारतीय बैंकिंग सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम हो सकती है। अगर प्रस्तावित योजना लागू होती है, तो अप्रैल 2026 के बाद ये 6 प्रमुख बैंक स्वतंत्र रूप से नजर नहीं आएंगे। ग्राहकों और निवेशकों को सलाह है कि वे सरकार की आधिकारिक घोषणा पर नजर रखें और किसी भी बदलाव के लिए अपने बैंक से अपडेट लेते रहें।

Tags: Banks Merger 2026, | Bank Merger News, | PSU Banks Merger, | Government Banks Update,
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