ITR Refund Delay: बैंक गलती से लेकर डिपार्टमेंट जांच तक, जानें क्यों अटक जाता है आपका टैक्स रिफंड

  • On: November 27, 2025
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ITR रिफंड में देरी के कारण

ITR रिफंड में देरी इस समय देशभर में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। लाखों टैक्सपेयर पोर्टल पर बार-बार स्टेटस चेक कर रहे हैं, लेकिन रिफंड अब तक नहीं आया। छोटे-से-छोटे तकनीकी कारण से लेकर विभागीय जांच तक, कई कारण हैं जिनकी वजह से टैक्स रिफंड की प्रक्रिया धीमी हो रही है। तो आइए जानते हैं उन प्रमुख वजहों के बारे में जिनकी वजह से आपका इनकम टैक्स रिफंड अटक सकता है।

1. गलत डिटेल से फंस जाता है रिफंड

ITR (Income Tax Return) फाइल करते समय यदि आप अपनी बैंक डिटेल्स, PAN नंबर, IFSC कोड, या अन्य जानकारी गलत दर्ज करते हैं तो रिफंड का प्रोसेस रोक दिया जाता है। यह सबसे सामान्य कारण है रिफंड में देरी का। जब विभाग को इन गलत जानकारियों के कारण रिफंड भेजने में समस्या आती है, तो रिटर्न की प्रोसेसिंग रुक जाती है और टैक्सपेयर को फिर से सही डिटेल्स अपडेट करनी पड़ती है। यही वह बिंदु है जहाँ से देरी की शुरुआत होती है।

2. हाई-वैल्यू या संदिग्ध रिटर्न पर अतिरिक्त जांच

अगर आप अपने ITR में बहुत बड़ा रिफंड क्लेम करते हैं, या फिर आपके रिटर्न में कोई असामान्य डेटा पाया जाता है, तो विभाग आपकी रिटर्न की मैन्युअल वेरिफिकेशन करता है। उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपये से अधिक का रिफंड क्लेम, विदेशी आय, कैपिटल गेन या कई आय के स्रोत वाले रिटर्न्स पर इस तरह की अतिरिक्त जांच की जाती है। यह जांच लंबी प्रक्रिया हो सकती है और इसमें कुछ समय लग सकता है।

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3. बैंक अकाउंट बंद या प्री-वैलिडेशन फेल होना

आपके रिफंड के लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट एक्टिव और प्री-वैलिडेटेड हो। यदि आपका बैंक अकाउंट बंद है, डोरमैट (inactive) है, या आपने प्री-वैलिडेशन पूरा नहीं किया है, तो रिफंड का प्रोसेस फेल हो जाएगा। ऐसे में आपको अपना अकाउंट अपडेट करना पड़ेगा और दोबारा प्री-वैलिडेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

4. लंबित टैक्स डिमांड या ई-वेरिफिकेशन में ITR रिफंड में देरी

यदि आपके ऊपर पहले से कोई टैक्स बकाया है, तो रिफंड जारी करने से पहले विभाग उस बकाए को चुकता करने की प्रक्रिया पूरी करता है। इसके अलावा, अगर आपने ITR फाइल करने के बाद 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन नहीं किया है, तो रिटर्न की प्रोसेसिंग रुक जाती है।

ई-वेरिफिकेशन में देरी = रिफंड में देरी।

5. मिसमैच, त्रुटि या सेक्शन 154 के नोटिस

कभी-कभी ITR में किसी गंभीर गलती के कारण या 26AS/ AIS/TIS से डेटा का मेल न खाने के कारण रिफंड रोक दिया जाता है। अगर आपके रिटर्न में किसी प्रकार की त्रुटि या मिसमैच है, तो वह रिफंड प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में ITR को "डिफेक्टिव" घोषित कर दिया जाता है, और तब तक प्रोसेसिंग रुकी रहती है जब तक उस त्रुटि को ठीक नहीं कर लिया जाता।

ITR रिफंड में देरी रिफंड चेक कैसे करें?

यदि आपके रिफंड में देरी हो रही है, तो आप तुरंत e-Filing पोर्टल पर लॉग-इन कर ‘View Filed Returns’ में जाकर अपने रिटर्न का स्टेटस चेक कर सकते हैं। अगर कोई नोटिस, पेंडिंग एक्शन या मिसमैच दिखता है, तो उसे सही करना जरूरी है। इसके अलावा, अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो यह भी संभव है कि आपके रिटर्न में कोई बड़ी समस्या हो, जिसे सुधारने की जरूरत हो।

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निष्कर्ष

इनकम टैक्स रिफंड में देरी कई कारणों से हो सकती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह देरी छोटी-सी गलती की वजह से होती है। इसलिए, रिटर्न भरते समय अपनी सभी जानकारी सही और सटीक भरना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, रिफंड प्रक्रिया की निगरानी रखने और समय-समय पर ई-वेरिफिकेशन और अन्य आवश्यक कार्रवाई करने से आप रिफंड में देरी से बच सकते हैं।

आपका रिफंड समय पर प्राप्त हो, इसके लिए आपको केवल थोड़ी सावधानी बरतनी होगी।

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