आपके ब्लड शुगर पर क्या असर डालती है देसी खांड वाली चाय? सच जानकर हैरान रह जाएंगे

  • On: December 2, 2025
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देसी खांड वाली चाय और सफेद चीनी के ब्लड शुगर पर असर को दर्शाती हेल्थ इन्फोग्राफिक

आजकल देसी खांड (Desi Khand) का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इसे लोग व्हाइट रिफाइंड शुगर का एक हेल्दी विकल्प मानते हैं। लेकिन क्या यह वास्तव में ब्लड शुगर के लिए सुरक्षित है? खासकर उन लोगों के लिए जो डायबिटीज के मरीज हैं या जिनका शुगर लेवल अक्सर फ्लक्चुएट करता है। चलिए, देसी खांड वाली चाय पर हुए एक रोचक टेस्ट और साइंस आधारित तथ्य समझते हैं।

इंस्टाग्राम यूजर का टेस्ट: देसी खांड vs सफेद चीनी

हाल ही में इंस्टाग्राम यूजर ने दो तरह की चाय पीकर ब्लड शुगर टेस्ट किया—एक में देसी खांड, दूसरी में सफेद चीनी। उनके रिजल्ट कुछ ऐसे निकले:

  • देसी खांड वाली चाय से ब्लड शुगर बढ़ी: केवल 13 mg/dL

  • सफेद चीनी वाली चाय से बढ़ी: करीब 24 mg/dL

यानी कि देसी खांड से उछाल थोड़ा कम दिखा। हालांकि, वे डायबिटीज के मरीज नहीं थे—बस ऊर्जा और शुगर बैलेंस को लेकर प्रयोग कर रहे थे। लेकिन… क्या इसका मतलब देसी खांड ज्यादा हेल्दी है? ज़रूरी नहीं।

देसी खांड बनाम सफेद चीनी: क्या सच में फर्क है?

देसी खांड को लोग प्राकृतिक, कम प्रोसेस्ड और हेल्दी मानते हैं। लेकिन शरीर के अंदर दोनों की केमिस्ट्री लगभग एक जैसी है, क्योंकि—

  • शुगर किसी भी रूप में जाए, अंत में ग्लूकोज ही बनती है।
  • पैंक्रियाज़ यह नहीं पहचानती कि मिठास देसी खांड से आई है या सफेद चीनी से।

क्या देसी खांड का GI कम होता है?

हाँ, थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन इतना नहीं कि डायबिटीज मरीज इसे सेफ ऑप्शन मान लें।

नतीजा:
देसी खांड भी ब्लड शुगर पर उछाल ला सकती है, खासकर अगर आप इसे रोज और ज्यादा मात्रा में लेते हैं।

खाली पेट चाय vs खाने के बाद चाय: कब शुगर ज्यादा बढ़ती है?

बहुत लोग यह नहीं जानते कि चाय पीने का टाइमिंग भी ब्लड शुगर को प्रभावित करता है।

1) खाली पेट चाय

  • तेज़ी से अवशोषित

  • ब्लड शुगर जल्दी बढ़ती

  • बॉडी पर स्ट्रेस बढ़ सकता है

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2) खाने के बाद चाय

  • खाना शुगर अवशोषण को धीमा करता है

  • स्पाइक कम होता है

  • शरीर बेहतर संतुलन बनाए रखता है

यानी, टाइमिंग उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना शुगर का टाइप।

क्या 24 mg/dL की बढ़ोतरी चिंता की बात है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि मीठी चाय पीकर शुगर में 20–30 mg/dL का उछाल बेहद खतरनाक है। लेकिन असलियत में—

  • 20–30 mg/dL की बढ़ोतरी लगभग सामान्य है
  •  स्वस्थ लोग भी खाना-पीना लेने पर ऐसे उतार-चढ़ाव दिखाते हैं
  • खतरा “एक बार” के स्पाइक का नहीं, बल्कि लंबे समय के पैटर्न का होता है

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कब ध्यान देने की ज़रूरत है?

  • दिन में कई बार स्पाइक

  • फास्टिंग शुगर धीरे-धीरे बढ़ना

  • रोज मीठी चाय, जूस, बिस्किट-स्नैक्स

  • ज्यादा कैलोरी + कम फिजिकल एक्टिविटी

ये सब मिलकर इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ा सकते हैं, जो डायबिटीज की ओर पहला कदम है।

क्या देसी खांड वाली चाय पीनी चाहिए? (Final Verdict)

अगर आप डायबिटिक नहीं हैं, और चाय में हल्की मिठास पसंद करते हैं, तो देसी खांड कभी-कभार ली जा सकती है।

लेकिन—

अगर आप हैं:

  •  डायबिटीज पेशेंट
  •  प्री-डायबिटिक
  •  हेल्थ-कॉन्शियस
  •  हार्मोनल या वजन की समस्या वाले

तो देसी खांड भी “हेल्दी” ऑप्शन नहीं है।

आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं:

  • स्टीविया (Natural)

  • फिटनेस शुगर-फ्री ऑप्शन

  • गुड़ (सीमित मात्रा)

  • चाय बिना चीनी

निष्कर्ष

देसी खांड हो या सफेद चीनी— दोनों में कैलोरी और शुगर स्ट्रक्चर लगभग एक जैसा ही होता है। हाँ, देसी खांड में मिनरल्स और थोड़ा कम प्रोसेसिंग होती है, पर ब्लड शुगर पर इसका असर बहुत बड़ा अंतर नहीं बनाता। अगर आप मीठी चाय प्रेमी हैं, तो मात्रा और टाइमिंग दोनों पर ध्यान देना ही सही तरीका है।

Tags: Desi Khand, | Blood Sugar, | Diabetes Care, | Sugar Substitute,
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