Tulsi Puja: कब नहीं चढ़ाना चाहिए तुलसी को जल? जान लें तिथि वरना बढ़ जाएंगी मुश्किलें

  • On: December 10, 2025
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Tulsi Puja Ritual – तुलसी को जल चढ़ाने की सही और अशुभ तिथियां

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय माना गया है। इसलिए घर में तुलसी लगाने और रोजाना उनकी पूजा करने से सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। हालांकि, शास्त्रों में कुछ तिथियां और दिन ऐसे बताए गए हैं जब तुलसी पर जल चढ़ाना या उन्हें छूना वर्जित माना जाता है। इन्हीं नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इस ब्लॉग में जानें कब-कब तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए, और किन दिनों में इन्हें छूना भी निषेध है।

तुलसी को जल न चढ़ाने की प्रमुख तिथियां (Tulsi Watering Restrictions)

1. एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi)

एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित दिन है। पद्म पुराण में बताया गया है कि एकादशी के दिन तुलसी माता ने भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखा था। इसलिए इस दिन तुलसी को जल चढ़ाना उनके व्रत को भंग माना जाता है।

हर महीने आने वाली दोनों एकादशी (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) पर

  • तुलसी को जल चढ़ाएं

  • तुलसी की पत्तियां तोड़ें

2. रविवार (Sunday)

रविवार सूर्य देव को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता विश्राम करती हैं। कथाओं में उल्लेख है कि तुलसी माता ने भगवान विष्णु से रविवार को जल न चढ़ाने का वर पाया था।

इसलिए रविवार को

  • तुलसी को पानी न दें

  • तुलसी को छूना भी अशुभ माना जाता है

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3. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण (Solar & Lunar Eclipse)

ग्रहण काल को शास्त्रों में अत्यंत अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।

इसलिए ग्रहण के दौरान

  • तुलसी को छूना वर्जित

  • जल चढ़ाना वर्जित

  • ग्रहण से पहले तुलसी के पास रखा जल हटा दें

4. संक्रांति का दिन (Sankranti)

संक्रांति के दिन सूर्य एक राशि से दूसरी में प्रवेश करते हैं। यह दिन ऊर्जा परिवर्तन का समय माना जाता है।

 ऐसे में

  • संक्रांति पर तुलसी की पूजा कर सकते हैं

  • लेकिन जल अर्पित करना निषेध है

5. रात का समय (After Sunset)

शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना या जल देना वर्जित है।

 सही समय

  • तुलसी पर जल चढ़ाने का सर्वोत्तम समय सूर्योदय होता है

  • सूर्यास्त के बाद किसी भी प्रकार का स्पर्श वर्जित

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क्यों माना जाता है तुलसी पर जल चढ़ाने के नियम?

  • तुलसी माता लक्ष्मी का रूप मानी जाती हैं

  • नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है

  • शास्त्रों में बताए गए निषेधों का पालन न करने पर देवी-देवता अप्रसन्न माने जाते हैं

  • यह परंपराएं प्रकृति और ऊर्जा संतुलन पर आधारित हैं

नियमों का पालन क्यों ज़रूरी?

इन नियमों को धार्मिक मान्यता के साथ-साथ वैदिक ऊर्जा-संतुलन से भी जोड़ा गया है। कहा जाता है कि ऐसा न करने से—

  • घर में अशांति बढ़ सकती है

  • बाधाएं आ सकती हैं

  • लक्ष्मी कृपा में कमी हो सकती है

निष्कर्ष

तुलसी पूजा में शास्त्रीय नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। रोज जल चढ़ाने से शुभता आती है, लेकिन ऊपर बताए गए दिनों में जल प्रदान न करके आप शास्त्रीय परंपरा के अनुसार तुलसी माता का सम्मान करते हैं।

इन नियमों का ध्यान रखें और तुलसी माता की कृपा सदैव अपने घर पर बनाए रखें।

Tags: Tulsi Puja, | Tulsi Watering Rules, | Ekadashi Tulsi Puja, | Sunday Tulsi Worship,
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