टीनएजर्स में बढ़ता अकेलापन: भावनात्मक सहारा बन रहे AI चैटबॉट्स

  • On: November 27, 2025
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टीनएजर्स और AI चैटबॉट्स – डिजिटल दोस्त बनते AI टूल्स

आज के डिजिटल युग में टीनएजर्स के जीवन में अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है। दुनियाभर में किशोरों के बीच सामाजिक अलगाव और भावनात्मक दूरी बढ़ने के साथ, युवा अब इंसानों के बजाय AI चैटबॉट्स से भावनात्मक सहारा लेने लगे हैं। ChatGPT, Google Gemini जैसे AI टूल्स सिर्फ होमवर्क या जानकारी के साधन नहीं रह गए, बल्कि यह डिजिटल साथी (Digital Companion) के रूप में उभर रहे हैं।

स्टडी में क्या सामने आया

यूके की एक नई स्टडी में 11–18 साल के 5,000 से ज्यादा टीनएजर्स के बीच AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल पाया गया।

  • उम्र के साथ निर्भरता बढ़ी: 18 साल के अधिकतर युवाओं ने स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से AI से गाइडेंस और सलाह लेते हैं।

  • लड़कों में अधिक इस्तेमाल: लड़कों में AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल लड़कियों की तुलना में अधिक है। वे न केवल पढ़ाई, बल्कि भावनात्मक बातचीत और कम्पेनियनशिप के लिए भी इन टूल्स पर निर्भर हैं।

  • भावनात्मक सहारा: आधे से ज्यादा युवाओं ने माना कि वे रोजमर्रा की उलझनों और मानसिक तनाव को समझने के लिए AI का इस्तेमाल करते हैं।

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AI के जरिए टीनएजर्स किस तरह मदद लेते हैं

  • 14% टीनएजर्स ने दोस्ती और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं के लिए AI से सलाह ली।

  • 11% ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं पर बातचीत की।

  • 12% सिर्फ बातचीत और खुलकर बात करने के लिए AI का सहारा लेते हैं।

इससे स्पष्ट है कि AI अब केवल डिजिटल सहायक नहीं, बल्कि भावनात्मक सहारे का भी माध्यम बनता जा रहा है।

APA की चेतावनी: अकेलापन बढ़ सकता है

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) ने किशोरों और बच्चों के लिए चेतावनी दी है। उनका कहना है कि “AI चैटबॉट्स तत्काल राहत तो दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में यह वास्तविक सामाजिक संबंधों से दूर कर सकता है।” विशेषज्ञों का मानना है कि भावनात्मक लगाव बढ़ने से अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।

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निष्कर्ष

टीनएजर्स में AI चैटबॉट्स का बढ़ता इस्तेमाल डिजिटल युग की जरूरतों और भावनात्मक रिक्तियों का संकेत है। हालांकि ये टूल्स तुरंत मदद और सहारा दे सकते हैं, पर वास्तविक मित्रता और पारिवारिक संबंधों को कमजोर करना चिंता का विषय है। माता-पिता, शिक्षक और अभिभावकों को इस नए ट्रेंड पर नजर रखनी चाहिए और किशोरों को संतुलित डिजिटल अनुभव और वास्तविक इंटरैक्शन का महत्व समझाना चाहिए।

टिप: AI का इस्तेमाल करें, लेकिन इंसानी रिश्तों को कभी कम न होने दें।

Tags: Teenage loneliness, | Teenage mental health, | Technology and teenagers,
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