यूपी में SIR के बीच शिक्षामित्रों को मिली नई जिम्मेदारी, घर-घर जाकर करना होगा सर्वे

  • On: November 28, 2025
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यूपी में शिक्षामित्र घर-घर जाकर निरक्षर लोगों का सर्वे करते हुए

उत्तर प्रदेश में चल रहे नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 2025-26 के तहत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर लोगों की पहचान और सर्वे की जिम्मेदारी सीधे शिक्षामित्रों को सौंपी गई है। यह सर्वे SIR (Special Identification Report) प्रक्रिया के तहत घर-घर जाकर किया जाएगा, जिससे साक्षरता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

शिक्षामित्र करेंगे घर-घर सर्वे

पहले यह कार्य परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के जिम्मे था, लेकिन अब सरकार ने यह मुख्य जिम्मेदारी शिक्षामित्रों को सौंप दी है। शिक्षामित्र अपने-अपने ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जाकर:

  • निरक्षर व्यक्तियों की पहचान करेंगे

  • साक्षरता वालंटियर्स का चयन करेंगे

  • पात्र लोगों का डेटा संग्रह करेंगे

  • एनआईएलपी (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) एप पर जानकारी अपलोड करेंगे

इस पूरे सर्वे की रिपोर्ट वे अपने संबंधित प्रधानाध्यापक को भी सौंपेंगे, ताकि निगरानी और सत्यापन सुनिश्चित किया जा सके।

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मोबाइल ऐप से होगा डेटा अपलोड

सरकार ने सर्वे प्रक्रिया को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए इसे पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। शिक्षामित्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे NILP Survey App के माध्यम से निर्धारित फॉर्मेट में डेटा अपलोड करें, जिससे समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित हो सके।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि वे सर्वे कार्य की सख्त निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षामित्र समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करें।

2027 तक चलेगा साक्षरता अभियान

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की शुरुआत 1 अप्रैल 2022 से की गई थी, जो 31 मार्च 2027 तक चलेगा। इस योजना के अंतर्गत:

  • 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को 200 घंटे के मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा

  • पढ़ना-लिखना और बुनियादी गणना सिखाई जाएगी

  • स्वयंसेवकों की मदद से प्रशिक्षण दिया जाएगा

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारना है।

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इन जिलों में सर्वे की प्रगति कमजोर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुछ जिलों में सर्वे कार्य की गति काफी धीमी है। इन जिलों में चार प्रतिशत से भी कम कार्य पूरा हो पाया है:

  • प्रयागराज

  • रायबरेली

  • जौनपुर

  • अमरोहा

  • जालौन

  • मऊ

  • गाजीपुर

  • मुजफ्फरनगर

  • गाजियाबाद

इन जिलों में शिक्षा विभाग को विशेष निगरानी और तेज़ी से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षामित्रों की भूमिका होगी अहम

नए निर्देशों के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि शिक्षामित्रों की सक्रिय भागीदारी से घर-घर सर्वे की प्रक्रिया तेज होगी और अधिक संख्या में असाक्षर व्यक्तियों की पहचान संभव हो सकेगी। इससे साक्षरता अभियान को नई गति मिलेगी और लक्ष्य समय से पूरा होने की संभावना बढ़ेगी।

निष्कर्ष

यूपी सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम बदलाव माना जा रहा है। शिक्षामित्रों को मिली नई जिम्मेदारी से न केवल साक्षरता कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी, बल्कि ग्रामीण स्तर पर शिक्षा का विस्तार भी संभव होगा। यदि यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो 2027 तक उत्तर प्रदेश को एक अधिक साक्षर राज्य बनाने में यह निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

Tags: UP Education News, | Literacy Survey 2025, | Shiksha Mitra Duty, | Government Scheme UP,
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