ये है करोड़पति बनाने वाली खेती किसानों को मालामाल बनाने वाला बिजनेस, सब्सिडी और पूरी प्रोसेस जानें 2025

  • On: September 9, 2025
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बासमती चावल की खेती से किसान उठा सकते हैं लाखों की कमाई

भारत में खेती को आय का मुख्य साधन माना जाता है और किसान हमेशा ऐसी फसल की तलाश में रहते हैं जो कम खर्च में ज्यादा मुनाफा दे सके। इन्हीं फसलों में से एक है सुगंधित बासमती चावल की खेती। इसकी खुशबू, लंबे दाने और बेहतरीन स्वाद ने इसे सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय बना दिया है। यही वजह है कि बासमती चावल सामान्य धान की तुलना में कहीं अधिक कीमत दिलाता है और किसान इसके जरिए लाखों तक की कमाई कर सकते हैं।


बासमती चावल क्यों है खास?

  • लंबे और पतले दाने, अद्भुत स्वाद और सुगंध

  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में जबरदस्त डिमांड

  • सामान्य धान से ज्यादा कीमत और बेहतर मुनाफा

  • सरकारी सब्सिडी और समर्थन योजनाएं


बासमती चावल की खेती के लिए सही मिट्टी और मौसम

  • उपजाऊ, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें अच्छी जल निकासी हो

  • तापमान: 25–35 डिग्री सेल्सियस

  • उपयुक्त किस्में: पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1401, तारावरी बासमती, बासमती 370

 

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खेती की पूरी प्रक्रिया

1. बीज तैयारी और नर्सरी

  • बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोएं और छाया में अंकुरित करें।

  • नर्सरी में बीज बोने के बाद 20–25 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

2. खेत की तैयारी और रोपाई

  • रोपाई से पहले खेत में पानी भरकर मिट्टी को दलदली (पडलिंग) बना लें।

  • पौधों के बीच दूरी: 15–20 सेमी

  • कतार से कतार की दूरी: 20–25 सेमी

3. पानी और सिंचाई

  • रोपाई के बाद खेत में हमेशा 3–5 सेमी पानी बनाए रखें।

  • फूल आने और दाने भरने के समय विशेष नमी जरूरी है।

  • कटाई से 7–10 दिन पहले पानी देना बंद करें।

4. निराई-गुड़ाई और देखभाल

  • रोपाई के 15–20 दिन बाद और फिर 40–45 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें।

  • रोग और कीट नियंत्रण के लिए नियमित निगरानी रखें।

5. कटाई

  • जब 80–85% दाने पक जाएं और पीले पड़ने लगें, तभी कटाई करें।

  • सामान्यत: फसल 110–145 दिनों में तैयार हो जाती है।

 

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कमाई और मुनाफे का हिसाब

विवरण अनुमानित आँकड़े
औसत पैदावार 20–25 क्विंटल (2000–2500 किलो) प्रति एकड़
बाजार भाव ₹3,000 – ₹4,500 प्रति क्विंटल
औसत आय (22 क्विंटल × ₹3,500) ₹77,000 प्रति एकड़
खर्च ₹20,000 – ₹25,000 प्रति एकड़
शुद्ध मुनाफा ₹50,000 – ₹55,000 प्रति एकड़

 

बड़े स्तर पर अनुमानित मुनाफा

  • 2 एकड़ जमीन → ₹1 लाख से ₹1.1 लाख मुनाफा

  • 3 एकड़ जमीन → ₹1.5 लाख से ₹1.65 लाख मुनाफा


सरकारी सब्सिडी और योजनाएं

सरकार किसानों को बासमती चावल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है। इसमें बीज, खाद, कृषि उपकरण और सिंचाई पर सब्सिडी दी जाती है। कई राज्य सरकारें भी इस खेती पर विशेष लाभ देती हैं, जिससे लागत कम और मुनाफा अधिक हो जाता है।

 

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FAQs – बासमती चावल की खेती से जुड़े आम सवाल

Q1. बासमती चावल की खेती से प्रति एकड़ कितनी पैदावार मिलती है?
Ans:- प्रति एकड़ 20–25 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है।

Q2. बासमती चावल का बाजार भाव कितना होता है?
Ans:- औसतन ₹3,000 से ₹4,500 प्रति क्विंटल तक।

Q3. खेती में कितना खर्च आता है?
Ans:- लगभग ₹20,000 से ₹25,000 प्रति एकड़।

Q4. शुद्ध मुनाफा कितना होता है?
Ans:- एक एकड़ से ₹50,000 से ₹55,000 तक।

Q5. क्या खेती पर सब्सिडी मिलती है?
Ans:- हां, सरकार बीज, खाद और सिंचाई उपकरणों पर सब्सिडी देती है।


निष्कर्ष

बासमती चावल की खेती सिर्फ पारंपरिक खेती नहीं बल्कि एक मुनाफेदार बिजनेस साबित हो सकती है। सही तकनीक, बेहतर देखभाल और सरकारी सब्सिडी का लाभ लेकर किसान आसानी से लाखों तक की कमाई कर सकते हैं।

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