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सरकार ने अप्रेंटिसशिप नियमों में बदलाव किया: स्टाइपेंड अब ₹12,300 प्रति माह

भारत सरकार ने Apprenticeship Rules, 1992 में बड़े बदलावों की घोषणा की है। मुख्य रूप से अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड को ₹6,800 से बढ़ाकर ₹12,300 प्रति माह कर दिया गया है, जो करीब 81% की वृद्धि को दर्शाता है। यह सुधार कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है।
बदलावों की मुख्य बातें
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स्टाइपेंड में भारी वृद्धि
अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड अब प्रति माह ₹12,300 होगा। पहले यह राशि ₹6,800 थी। -
विस्तारित अवसर
नई अधिसूचना से डिग्री अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा मिलेगा। यानी छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय-स्तर पर अप्रेंटिसशिप अवसर अधिक मिलेंगे। -
दूरस्थ / वर्चुअल प्रशिक्षण संभव
अब apprentices को वर्चुअल मोड में प्रशिक्षण किया जा सकेगा, जिससे भौगोलिक बाधाएँ कम होंगी। -
क्षेत्रीय बोर्डों का विस्तार
Apprenticeship के क्षेत्रीय बोर्डों को बढ़ाया जाएगा ताकि स्थानीय स्तर पर भी प्रशिक्षण एवं अवसर पहुँच सकें। -
समावेशन एवं विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों के लिए प्रावधान
मानक विकलांगता (disability) वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण और अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में सुधार होंगे।
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क्यों है यह बदलाव ज़रूरी?
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युवा-श्रमिकों को आर्थिक सहारा: ₹12,300 की स्टाइपेंड वृद्धि युवाओं को बेहतर आर्थिक सुरक्षा देगी, खासकर उन लोगों के लिए जो प्रशिक्षण के दौरान अन्य खर्च वहन करते हैं।
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कौशल विकास को बढ़ावा: बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलती मांगों के बीच, यह बदलाव अप्रेंटिसशिप को और आकर्षक बना देगा।
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भविष्य की तैयारियाँ: डिजिटल/वर्चुअल प्रशिक्षण की अनुमति से, तकनीकी बदलावों और दूरदराज के इलाकों में भी प्रशिक्षण पहुँच सकेगा।
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समावेशिता: सामाजिक और आर्थिक विविधता को देखते हुए विकलांग व्यक्ति भी इस व्यवस्था से लाभान्वित हो सकेंगे।
️ सरकारी प्रक्रिया और क्रियान्वयन
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यह बदलाव कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की अधिसूचना के द्वारा लागू होंगे।
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नियमों में संशोधन की मंज़ूरी 38वीं केंद्रीय अप्रेंटिसशिप परिषद की बैठक में हुई, जिसका नेतृत्व मंत्री जयंत चौधरी ने किया।
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उद्योगों को और प्रशिक्षुओं को नए नियमों से अवगत कराया जाएगा ताकि अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण अधिक पारदर्शी और लाभदायक हो सके।
✅ इस बदलाव का लाभ किन्हें होगा?
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छात्र-छात्राएं, विशेषकर डिग्री या तकनीकी पाठ्यक्रम करने वाले
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नियोक्ता (employers), जिन्हें प्रशिक्षु मिलेंगे जो बेहतर प्रशिक्षण व उच्च-प्रेरणा के साथ काम कर सकेंगे
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वंचित एवं विकलांग व्यक्तियों को अवसरों में वृद्धि होगी
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ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र, जहां वर्चुअल प्रशिक्षण से पहुँच आसान होगी
विचार एवं संभावित चुनौतियाँ
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प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करना ज़रूरी है — सिर्फ वित्तीय प्रोत्साहन पर्याप्त नहीं होगा
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वर्चुअल / डिस्टंट मोड में प्रशिक्षुओं को आवश्यक अवसंरचना (इंटरनेट, उपकरण) की सुविधा होनी चाहिए
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उद्योगों को प्रशिक्षुता कार्यक्रमों को अपनाने व संसाधनों की व्यवस्था करने में समय लग सकता है
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निचोड़
भारत सरकार द्वारा Apprenticeship Rules में किया गया यह संशोधन एक सकारात्मक कदम है, जिसका उद्देश्य अप्रेंटिसशिप को अधिक आकर्षक, समावेशी और समय की माँग के अनुरूप बनाना है। ₹12,300 के नए स्टाइपेंड के साथ, यह युवा-श्रमिकों के लिए बेहतर जीवन-यात्रा सुनिश्चित करने और कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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