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सीएम योगी के आदेश से खत्म हुआ शिक्षकों का आंदोलन, जानें पूरी खबर

By: Moni Kaira
  • On: September 17, 2025
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ TET आदेश जारी करते हुए

उत्तर प्रदेश में शिक्षक योग्यता परीक्षा (TET) को लेकर चल रहा विवाद अब शांत हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका (Revision Petition) दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके बाद बीटीसी शिक्षक संघ ने ऐलान किया है कि अब कोई धरना-प्रदर्शन नहीं होगा।


विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

  • सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को TET पास करना अनिवार्य होगा

  • इससे ही उनकी सेवा जारी रहेगी और पदोन्नति (Promotion) भी संभव होगी।

  • 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षक मानते थे कि उन्हें RTE (Right to Education Act) और अन्य प्रावधानों के तहत छूट मिली हुई है।

  • इसी को लेकर BTC शिक्षक संघ ने विरोध और धरना देने की तैयारी की थी।


सीएम योगी का बड़ा फैसला

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कई शिक्षक वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं और सरकार समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण भी देती रही है।

  • ऐसे में उनकी सेवा और अनुभव को नज़रअंदाज़ करना अन्यायपूर्ण होगा

  • उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया।

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शिक्षकों का रुख: आंदोलन अब स्थगित

  • सीएम योगी की घोषणा के बाद BTC शिक्षक संघ ने सभी धरना-प्रदर्शनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया।

  • संघ ने शिक्षकों से अपील की कि वे अब पढ़ाई पर ध्यान दें और कक्षा का माहौल बाधित न करें।


आगे क्या हो सकता है?

  • सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली पुनर्विचार याचिका से यह तय होगा कि 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को TET से छूट मिलेगी या नहीं।

  • सरकार की मंशा साफ है कि वह लंबे समय से सेवाएं दे रहे शिक्षकों को राहत दिलाने की कोशिश करेगी।

  • छात्रों के लिए यह फैसला राहत की खबर है, क्योंकि अब शिक्षा व्यवस्था बाधित नहीं होगी।

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किस पर क्या असर होगा?

हितधारक असर
2011 से पहले नियुक्त शिक्षक संभवतः TET की अनिवार्यता से राहत मिल सकती है।
शिक्षक संगठन सरकार ने उनकी मांगें सुनीं, भरोसा बढ़ा।
शिक्षा विभाग अब कोर्ट में कानूनी लड़ाई और नियम स्पष्ट करने की जिम्मेदारी।
छात्र पढ़ाई में व्यवधान नहीं होगा, कक्षाएं सुचारु चलेंगी।

निष्कर्ष

सीएम योगी आदित्यनाथ का यह कदम दर्शाता है कि सरकार शिक्षकों की चिंताओं को गंभीरता से ले रही है। लंबे समय से सेवा कर रहे शिक्षकों को न्याय दिलाने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दूसरी ओर, शिक्षकों द्वारा आंदोलन स्थगित कर देना शिक्षा व्यवस्था को सामान्य बनाने में मददगार साबित होगा।

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