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आत्मनिर्भर भारत अभियान | Atmanirbhar Bharat Abhiyan

आत्मनिर्भर भारत अभियान भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाना है। इस अभियान की घोषणा मई 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका मकसद यह है कि भारत विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करे और घरेलू उत्पादन, नवाचार (innovation) और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य
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घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना – ताकि देश की ज़रूरतें स्थानीय उद्योगों और संसाधनों से पूरी हों।
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MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों) को समर्थन – छोटे उद्योगों के लिए आसान ऋण और नए अवसर उपलब्ध कराना।
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रोजगार सृजन – युवाओं के लिए नए रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर पैदा करना।
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स्वास्थ्य, कृषि और रक्षा क्षेत्र को सशक्त करना – इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करना।
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‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहन – स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर उन्हें वैश्विक स्तर तक पहुँचाना।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ
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अर्थव्यवस्था (Economy) – उत्पादन और निवेश को गति देना।
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बुनियादी ढांचा (Infrastructure) – सड़क, बिजली, डिजिटल नेटवर्क और अन्य सुविधाओं का विकास।
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प्रणाली (System) – सरल और पारदर्शी नियम व नीतियाँ लागू करना।
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जनसांख्यिकी (Demography) – युवाओं और उद्यमियों की क्षमता का उपयोग।
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मांग (Demand) – घरेलू बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ाना।
अभियान के तहत प्रमुख योजनाएँ
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उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना – घरेलू उद्योगों को बढ़ावा।
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MSMEs सुधार पैकेज – छोटे उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता।
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कृषि सुधार – आधुनिक तकनीक और बेहतर विपणन प्रणाली।
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रक्षा और तकनीक में स्वदेशीकरण – आयात पर निर्भरता कम करना।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की चुनौतियाँ
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ग्रामीण और छोटे उद्योगों तक पर्याप्त वित्तीय संसाधन न पहुँच पाना।
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घरेलू मांग की कमी के कारण उत्पादन पर असर।
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नई नीतियों और सुधारों को जमीनी स्तर पर लागू करने में कठिनाई।
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